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Personal Bio/Wiki

Real NameAbhijeet Munde
Stage NamePsycho Shayar
Age28 yr
BirthplacePune, Maharashtra, India
Mother TongueMarathi
Known ForPoet, Writer, Comedian
Famous AsRam” Poetry
NationalityIndian
ReligionHindu

Physical Stats

Height5’8 inches approx
Weight65 KG approx
Hair ColourBlack
Eye ColourBlack
Psycho Shayar age

Abhi Munde ”Ram” Poetry

Abhi Munde, under his persona Psycho Shayar, has built a substantial following on platforms like YouTube and Instagram. His YouTube channel ‘Psycho Shayar’ boasts over 2.42+ Lakh subscribers, whereas his 6:17-minute viral poetry piece, ‘‘Ram”, stands out as a masterpiece. In this composition, he intricately explores the multifaceted meanings of ‘Ram’, providing a unique perspective that delves into the distinction between truly comprehending the essence of ‘Ram’ versus merely feigning familiarity.

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“Ram” Poetry Lyrics In Hindi

राम रा राम राम राम राम राम दस्तक गिनू राम लिखते ही पढ़ते ही सुनते ही देखते ही या दिखते ही मन में जो पहला विचार आता है उसे बांध कर रखिए पूछूंगा एक दो तीन चार पाच 6 सात आठ नौ नौ हाथ काट कर रख दूंगा यह नाम समझ आ जाए तो कितनी दिक्कत होगी पता है राम समझ आ जाए तो भाई राम राम तो कह लो ग पर राम सा दुख भी सना होगा पहली चुनौती यह होगी कि मर्यादा में रहना होगा और मर्यादा में रहना मतलब कुछ खास नहीं कर जाना है

बस बस त्याग को गले लगाना है और अहंकार जलाना है अब अपने राम लला के खातिर इतना ना कर पाओगे और शबरी का झूठा खाओगे तो पुरुषोत्तम कहलाओगे [संगीत] काम क्रोध के भीतर रहकर तुमको शीतल बनना होगा

बुद्ध भी जिसकी इच्छाओं में बैठे वैसा पीपल बनना होगा बनना होगा यह सब कुछ और वो भी शून्य में रहकर प्यारे तभी तुमको पता चलेगा कितने अद्भुत राम हमारे सोच रहे हो कौन हूं मैं चलो बता ही देता हूं तुमने ही तो नाम दिया था मैं पागल कहलाता हूं नया नया हूं यहां पर तो ना पहले किसी को देखा है वैसे तो हूं त्रेता से मुझे कृष्ण किसी ने कलयुग भेजा है

भाई बात वहां तक फैल गई है कि यहां कुछ तो मंगल होने को है कि भरत से भारत हुए राज में सुनाए राम जी आने को है बड़े भाग्यशाली हो तुम सब वहां पर सब यही कहते हैं कि हम तो राम राज्य में रहते थे पर इन सब में राम रहते हैं यानी तुम सब में राम कांश छुपा है मतलब तुम में आते हैं रहने सच है या फिर गलत खबर अगर सची है

तो क्या कहने तो सबको राम पता ही होगा घर के बड़ों ने बताया होगा तो बताओ बताओ फिर की क्या है राम बताओ फिर की क्या है राम बताओ अरे पता है तुमको क्या है राम या बस हाथ धनुष तरकश में बान या वन में जिन्होंने किया गुजारा या फिर कैसे रावण मारा लक्ष्मण जिनको कहते भैया जिनकी पत्नी सीता मैया फिर यह तो हो गई वही कहानी एक था

राजा एक थी रानी क्या सच में तुमको राम पता है वो भी आकर हम बताए बड़े दिनों से हूं यहां पर सब कुछ दे देख रहा हूं कब से प्रभु से मिलने आया था मैं उन्हें छोड़कर मिला हूं सबसे एक बात कहूं अगर बुरा ना मानो मैं तुम तुरंत ही क्रोधित हो जाते हो पूरी बात तो सुनते भी नहीं सीधे घर पर आ जाते हो यह तुम लोगों के नाम जपो में पहले सा आराम नहीं

ये तुम लोगों के नाम जपो में पहले सा आराम नहीं जबरदस्ती के जय श्री राम में सब कुछ है बस राम नहीं यह राजनीति का दाया बाया जितना मर्जी खेलो तु दाया बाया अरे दाया बाया यह तुम्हारी वर्तमान प्रादेशिक भाषा में क्या कहते हो उसे हां वो लेफ्ट एंड राइट ये राजनीति का दाया बाया जितना मर्जी खेलो तुम चेतावनी को लेकिन मेरी अपने जहन में डालो तुम निजी स्वार्थ के खातिर अगर कोई राम नाम को गाता हो तो खबरदार करर जुर्रत की और मेरे राम को बांटा तो भारत भूखा कवि हूं मैं तभी निडर हो कहता हूं राम है मेरी हर रचना में मैं ब बजरंग में रहता हूं

भारत की नीव है कविताएं और सत्य हमारी बातों में तभी कलम हमारी तीखी और साहित्य हमारे हातो में तो सोच समझकर राम कहो तुम यह बस आतिश का नारा नहीं जब तक राम हृदय में नहीं तुमने राम पुकारा नहीं राम कृष्ण की प्रतिभा पर पहले भी खड़े सवाल हुए

लंका और कुरुक्षेत्र यूं ही नहीं ते लाल हुए अरे प्रसन्न हसना भी है और पलपल रोना भी है राम सब कुछ पाना भी है और सब पाकर खोना भी है राम ब्रह्मा जी के कुल से होकर जो जंगल में सोए हो जो अपनी जीत का हर्ष छोड़ रावण की मौत प रोए हो शिवजी जिनकी सेवा खातिर मारुत रूप में आ जाए शेष नाग खुद लक्ष्मण बनकर जिनके रक्षक हो जाए और तुम लोभ क्रोध अहंकार छल कपट सीने से लगाकर सो जाओगे तो कैसे भक्त बनोगे उनके कैसे राम समझ पाओगे अघोर क्या है पता नहीं और शिवजी का व दान चाहिए ब्रह्मचर्य का इल्म नहीं भक्त स्वरूप हनुमान चाहिए भगवा क्या है क्या है

पता लहराना सबको होता है पर भगवा क्या है वह जाने जो भगवा ओढ के सोता है राम से मिलना राम से मिलना राम से मिलना है ना तुमको निश्चित मंदिर जाना होगा पर उससे पहले भीतर जा संग अपने राम को लाना होगा जय सियाराम और हां अवधपुरी का उत्सव है कोई कसर नहीं सब खूब मनाना मेरे प्रभु है आने वाले रथ को उनके खूब सजाना वो द्वापर में कोई राह तक है मुझे उनको लेने जाना है चलिए तो फिर मिलते हैं हमें भी अयोध्या आना है जय सियाराम फिर [संगीत] से राम राम राम राम राम राम [संगीत] [संगीत]

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